Author Archives: Brahmastra Desk

27 Dec
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बालश्रम के अभिशाप से मुक्ति कब

अतीत में बाल श्रम का कई प्रकार से उपयोग किया जाता था, लेकिन सार्वभौमिक स्कूली शिक्षा के साथ औद्योगीकरण, काम करने की स्थिति में परिवर्तन तथा कामगारों के श्रम अधिकार और बच्चों के अधिकार की अवधारणाओं के चलते इसमें  जनविवाद प्रवेश कर गया। भारत में यह समस्या काफी गहरी ...

26 Dec
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ब्रह्मास्त्र द्वारा प्रतिसूचित चुनाव सुधार के कुछ उपाय

हमारे देश  के राजनेताओं व पार्टियों के आचरण से देश  की जनता बेहद परेशान  है. यह लोकतन्त्र के लिए बेहद खतरनाक है. हमारे देश  के क्रांतिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान यह सोच कर दिया था कि हम रहें या ...

24 Dec
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श्रमिक पंजीकरण के लिए पुख्ता व्यवस्था जरूरी

मनरेगा में सरकारी मजदूरी १६१ रूपया है जबकि निजी क्षेत्र में २०० रूपये; इसलिए अधिकांश युवा व सक्षम श्रमिक निजी क्षेत्र का रुख कर लेते हैं. दूसरी तरफ ‘श्रमिक पंजीकरण’ हेतु श्रम के अभिलेखीय अंकन आवश्यक है, लेकिन निजी क्षेत्र ...

22 Dec
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भारत में आर्थिक असमानता की समस्या

जहाँ तक आर्थिक  असमानता का सवाल है ओ ई सी डी की रिपोर्ट के  अनुसार पिछले दो  दशकों में भारत में आय संबंधी असमानता में दोगुने का इजाफा हुआ है. विचारक श्री खिलनानी के अनुसार एक दशक पहले किए  गए ...

17 Dec
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कानूनी संरक्षण से वंचित ठेकेदार श्रमिक

भारत में 1970 में ठेकेदार श्रमिक (नियमितिकरण और उन्मूलन) अधिनियम 1970 पारित किया गया था। जिस का उद्देश्य उद्योंगों में ठेकेदार श्रमिकों का नियमितिकरण करना और आवश्यक होने पर उस का उन्मूलन करना था। लेकिन यह अधिनियम अपने उद्देश्यों के ...

14 Dec
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इन बेघरों का रहनुमा कौन

देश में असमानता की अनेक तस्वीरों में से एक अत्यंत दारुण तस्वीर यह भी है कि इस भीषण ठण्ड में जहां एक तरफ लोग पूरी तरह से पैक कमरे के भीतर मोटे-मोटे रजाई-कम्बल  ओढ़े दुबके रहते हैं या बाहर निकलते हैं ...

12 Dec
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सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों संग बैठक की झलकियाँ

 ब्रह्मास्त्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद त्रिवेदी जी द्वारा सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों के साथ अभी हाल ही में एक बैठक की गई जिसमे देश-समाज, ब्रह्मास्त्र  से लेकर पुलिस की वर्तमान हालातों तक विभिन्न विन्दुओं पर चर्चा हुई. ऊपर पेश हैं, बैठक ...

11 Dec
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मजदूर जागरूक होगा तो असमानता समाप्त होगी

दुनिया बनाने वाले ने इंसान बनाए, इंसान ने सभ्यता की ऐसी व्यवस्था बनाई कि एक भाई को रोटी का बंदोबस्त करने के लिए लाख मशक्कत करनी पड़ती है तो दूसरे को रोटी पचाने के लिए हजार कितने उपाय करने होते ...

10 Dec
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अपने यहाँ भी हैं लाखों गुलाम

तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था वाला अपना देश कई प्रगतिशील कानूनों के लिए दुनिया भर में सराहा जा रहा है लेकिन प्रगति के कई पैमानों पर इसकी तस्वीर घोर चिंताजनक भी है. यह बात देशी-विदेशी कई संस्थानों द्वारा विभिन्न पैमानों पर ...

05 Dec
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गुजरात उच्च न्यायालय ने माना आरक्षण को घातक

अभी हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च शिक्षा से आरक्षण समाप्त करने की बात कही थी और अब गुजरात उच्च न्यायालय ने अपनी एक सुनवाई में आरक्षण को देश के लिए घातक बताया है. ब्रह्मास्त्र भी लम्बे समय से आरक्षण ...

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